baglamukhi shabhar mantra Fundamentals Explained
इन दो बगला-शाबर मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के अतिरिकà¥à¤¤ à¤à¥€ à¤à¤• अनà¥à¤¯ शाबर मंतà¥à¤° गà¥à¤°à¥-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ सà¥à¤µà¤°à¥‚प हमें पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† था, जिसका उलà¥à¤²à¥‡à¤– मैं यहाठकर रहा हूं। इस मनà¥à¤¤à¥à¤° का विधान यह है कि सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤—वती का पूजन करके इस मनà¥à¤¤à¥à¤° का दस हजार की संखà¥à¤¯à¤¾ में जप करने हेतॠसंकलà¥à¤ªà¤¿à¤¤ होना चाहिà¤à¥¤ तदोपरानà¥à¤¤ à¤à¤• निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ अवधि में जप पूरà¥à¤£ करके à¤à¤• हजार की संखà¥à¤¯à¤¾ में इसका हवन ‘मालकांगनी’ से करना चाहिà¤à¥¤ तदोपरानà¥à¤¤ तरà¥à¤ªà¤£, मारà¥à¤œà¤¨ व बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ à¤à¥‹à¤œà¤¨ कराना चाहिà¤à¥¤ तरà¥à¤ªà¤£ गà¥à¥œà¥‹à¤¦à¤• से करें। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° इस मनà¥à¤¤à¥à¤° का अनà¥à¤·à¥à¤ ान पूरà¥à¤£ होता है। फिर नितà¥à¤¯-पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¤• माला इस मनà¥à¤¤à¥à¤° की जपते रहना चाहिà¤à¥¤ इस मनà¥à¤¤à¥à¤° का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ à¤à¥€ अचूक है अतः निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से साधक के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• अà¤à¥€à¤·à¥à¤Ÿ की पूरà¥à¤¤à¤¿ होती है। मनà¥à¤¤à¥à¤° इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° है
ऋषि शà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾à¤²à¤¾à¤—à¥à¤¨à¤¿-रà¥à¤¦à¥à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उपासिता शà¥à¤°à¥€à¤¬à¤—ला-मà¥à¤–ी
तांतà¥à¤°à¤¿à¤• विशेष कर शाबर मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर ही निरà¥à¤à¤° है कà¥à¤›à¥‡à¤• साघको ने जिन शाबर मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ को कठोर साधना कर घोर -अघोर कà¥à¤°à¤® से साघ लिया हैं उनकी इचà¥à¤›à¤¾ शकà¥à¤¤à¤¿ ही काफ़ी हैं
अमà¥à¤• (अपना नाम दें) दास को तà¥à¤°à¤¤ उबारो, बैरी का बल छिन लो सारो, निरà¥à¤¦à¤¯à¥€ दà¥à¤·à¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ को तà¥à¤®à¥à¤¹à¥€à¤‚ संघारो,
ॠशà¥à¤°à¥€à¤‚ हà¥à¤°à¥€à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤‚ कमले कमलालये पà¥à¤°à¤¸à¥€à¤¦ पà¥à¤°à¤¸à¥€à¤¦ सà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¾à¥¥
Based on the ancient story, Goddess Parvati questioned Lord Shiva to share a mantra which could be simply recognized and practised by All people, no matter their caste or social position.
चतà¥à¤°à¥à¤à¥à¤œà¤¾à¤‚ तà¥à¤°à¤¿-नयनां, कमलासन-संसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¾à¤®à¥ । तà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥‚लं पान-पातà¥à¤°à¤‚ च, गदां जिहà¥à¤µà¤¾à¤‚ च विà¤à¥à¤°à¤¤à¥€à¤®à¥ ।।
अपने गà¥à¤°à¥ से आजà¥à¤žà¤¾ लेकर दंड विधान को पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ कर दें, शीघà¥à¤° ही दà¥à¤·à¥à¤Ÿ के किठहà¥à¤ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ की सजा माठसà¥à¤µà¤¯à¤‚ दे देती है। मै à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को baglamukhi shabhar mantra जानता हूà¤, जिसका पूरा जीवन ही संघरà¥à¤· में निकल गया फिर à¤à¥€ वह परेशान था जब किसी à¤à¥€ मंतà¥à¤° के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— से सफलता न मिल पा रही हो, तब गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ आंचल में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ माठपीतामà¥à¤¬à¤°à¤¾ के शाबर मंतà¥à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें- सà¥à¤–द परिणाम मिलता है।
oṃ hrīṃ bagalÄmukhi! jagadvaÅ›aṃkarÄ«! mÄṃ bagale prasÄ«da-prasÄ«da mama sarva manorathÄna pÅ«raya-pÅ«raya hrīṃ oṃ svÄhÄ।
योगिनी-कोटि-सहितां, पीताहारोप-चञà¥à¤šà¤²à¤¾à¤®à¥ ।
The Sadhana is extremely popular in some rural areas and results in a fulfilling yield. Prior to undertaking the sadhana, the mantra is awakened by chanting it 1008 situations over the auspicious situation of Holi, Diwali